10 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ 
क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र गोरखपुर एवं भोजपुरी एसोसिएशन आफ इण्डिया ''भाई'' के संयुक्त तत्वावधान में पारम्परिक देवी गीतों का 10 दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ

 

 

गोरखपुर। क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) एवं भोजपुरी एसोसिएशन आफ इण्डिया ''भाई'' के संयुक्त तत्वावधान में पारम्परिक देवी गीतों का 10 दिवसीय प्रस्तुतिपरक कार्यषाला का शुभारम्भ एस0एस0 एकेडमी, गोरखपुर में किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र प्रभारी डाॅ0 मनोज कुमार गौतम, श्री राकेश श्रीवास्तव, श्री कनक हरी अग्रवाल, शिवेन्द्र पाण्डेय, वाई. पी. चैधरी, राकेश मोहन, जितेन्द्र श्रीवास्तव, काशी नरेश चैबे, डा0 सुरेश, अजय शर्मा आदि सहित कार्यशाला सह प्रशिक्षक प्रमिला दूबे, बृजविहारी दूबे, सारिका श्रीवास्तवा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। मै भी कुछ देर के लिये वहां उपस्थित रहा l 

    कार्यक्रम शुभारम्भ के अवसर पर पारम्परिक गीतों में ''निमिया की डरिया मैया डारेली हिलोरवा हो कि झूमि रे झूमि ना। मैया मोरी गावेलि गीतिया हो कि झूमि रे झूमि ना।'' ने मन मोह लिया। परम्परा को और समृद्ध और विस्तार देने के उद्देश्य से नवांकुर कलाकारों को प्रशिक्षित किया जाना पूर्वांचल की आवश्यकता है। 

      सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा इस तरह के आयोजन से यहां के लोगों एवं कलाकारों में एक नई उर्जा का संचार किया है। यहां की पारम्परिक लोक कलाओं से परिपूर्ण स्थानीय कलाकारों एवं स्कालर्स से सम्पर्क कर लुप्त प्राय हो रही कलाओं/विधा को बचाने एवं उसे संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। गोखपुर क्षेत्र में लोक कला की एक समृद्ध परम्परा रही है। इसी कड़ी में 10 दिवसीय कार्यशाला का प्रारम्भ किया गया। 

    कार्यक्रम का विद्वतपूर्ण संचालन भाई शिवेन्द्र पाण्डेय ने किया।