अपने ऊपर लगे इल्जाम का श्रवण निषाद ने दिया जवाब
अभी कुछ दिन पहले निषाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के छोटे पुत्र इंजीनियर सरवन निषाद पर पार्टी के महिला प्रकोष्ठ की एक महिला ने यह इल्जाम लगाया कि श्रवण निषाद ने उनका यौन शोषण किया ,जिसके जवाब में इंजीनियर श्रवण निषाद ने हमारे संवाददाता को बताया कि इस इल्जाम के पीछे कई कारण है । पहला और मुख्य कारण यह है कि निषाद पार्टी में जिन कुछ लोगों पर कोर कमेटी ने बहुत भरोसा किया था, उन्हीं लोगों ने धोखा दिया । ऐसा प्रतीत होता है कि यह निषाद वंश के गद्दार अन्य पार्टियों से होने वाले लाभों से प्रभावित होकर ऐसा घिनौना कृत्य किए हैं । विगत वर्षों में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बड़ी मेहनत से पार्टी फंड में रुपया एकत्र किया । कुछ पार्टी के वफादार ने तो अनाज बेचकर चंदा दिया । मगर वही गद्दार इस धन का उपयोग अपने निजी स्वार्थ के लिए करने लगे । पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा जब उन्हें समझाने की कोशिश की गई तब उन्हें यह बातें नागवार गुजरी । उन्होंने अपने इस घोटाले में अध्यक्ष जी को भी शामिल करना चाहा मगर निषाद समुदाय से गद्दारी करना अध्यक्ष जी को मंजूर नहीं था । पार्टी अध्यक्ष ने समय-समय पर सभाओं में भी इस बात का जिक्र किया जिसे मीडिया बंधुओं ने प्रकाशित भी किया , मगर इनके कानों पर जूं नहीं रेंगी । उसके बाद इन्होंने अपनी गलतियों पर पर्दा डालने का एक बेहतर उपाय सोचा और पार्टी अध्यक्ष एवं उनके परिवार को बदनाम करना शुरू किया था कि उनका गुनाह छिप जाए ।
मैं इल्जाम लगाने वालों से यह पूछना चाहता था कि उनके कथन अनुसार यह घटना कई महीने पहले की है। अगर किसी के ऊपर किसी भी प्रकार का अन्याय या जबरदस्ती होता है तो उसके लिए शासन प्रशासन की व्यवस्था की गई है । पीड़ित व्यक्ति वहां जाकर अपनी समस्या बताएगा तो शासन प्रशासन उसका समाधान करेगी । आज के मोदी और योगी युग में तमाम तरह के हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं जहां मिनटों में समस्याओं का समाधान हो जाता है । अगर मैंने उनके साथ जबरदस्ती किया तो उसी समय क्यों नहीं बोली, जिस समय उनका मेडिकल चेकअप हो सकता था और अगर मैं गुनाहगार होता तो साबित हो सकता था । वह अभी तक चुप क्यों थे ।
आज यह भी कहा जा रहा है कि मैं और मेरा परिवार सही नहीं है, इस पार्टी में औरतें सुरक्षित नहीं है । मैं या मेरा परिवार यदि खराब है तो अब तक वह हमारे साथ क्यों हैं ?
अब तक अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया ?
क्या इज्जत से ज्यादा पद प्यारा है ?
शायद यही बात है तभी विरोधियों के हाथों बिक कर अब और बड़े पद के लालच में किसी भी स्तर तक गिरने को तैयार हैं ।
मेरा घर सिर्फ एक घर ना होकर पार्टी का कार्यालय भी है ,जहां हमेशा लोगों की भीड़ रहती है । ऐसे में उनका कहना कि घर में कोई नहीं था भ्रामक है ,क्योंकि अध्यक्ष जी या सांसद जी के ना रहने पर भी लोग अपनी समस्याएं लेकर आते रहते हैं ।
उनके इस हरकत का एक और कारण सामने आ रहा है कि निषाद पार्टी के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए कुछ अन्य पार्टियों के लोगों की नजरों में डॉक्टर संजय निषाद एवं उनके परिवार के लोग चुभ रहे हैं । वे लोग हमारे अपने ही निषाद भाइयों को खरीदकर निषाद पार्टी व डॉक्टर संजय निषाद की छवि खराब करना चाहते हैं।
किसी समाज अथवा विशेष जाति के लोग ,उस समुदाय को शिखर तक ले जाने वाले को महापुरुष से कम नहीं समझते । उसी तरह निषाद समुदाय के लोग डॉक्टर संजय निषाद को किसी मसीहा से कम नहीं मानते, जिन्होंने अपने खून पसीना एक करके समाज के निचले तबके के लोगों को न्याय, सम्मान और आरक्षण जैसे विषयों पर आगे बढ़ना सिखाया ।आज उसी मसीहा को विरोधी पार्टी बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है । यह सब उन्हीं की साजिश है । पार्टी के चंद लोगों को धन का लालच देकर यह सब कराया जा रहा है । इस घटना के पीछे कौन-कौन सी शक्तियां शामिल हैं कौन-कौन सी पार्टियों के लोग शामिल हैं पार्टी में आस्तीन के सांप के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष से नजदीकी लोग मीर जफर अली शाह और विभीषण का काम कर रहे हैं पार्टी के निजी पैसे से होटल बनवा रहे हैं अपना घर बनवा और लोगों को गुमराह कर राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रति द्वेष घृणा की भावना पैदा करें यह सब कुछ चुनाव खत्म होने के बाद कौन कौन से प्रमुख लोगों को राजनीतिक रणनीतिकार डॉक्टर संजय ने बनाया है। उन्हें विरोधी बना कर आपस में लड़ाया जा रहा है