दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्रीमद्भागवत कथा की शुरूआत रविवार को चंपा देवी पार्क में हुई।
गोरखपुुुर। कथा व्यास ने कहा कि पापनाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, भवभयहारिणी श्रीमद्भागवत कथा को केवल मृत्युलोक में ही प्राप्त करना संभव है। जो मिठास हमारे ग्रंथ में है, अगर ये जीवन में उतर जाए तो जीवन से कष्ट ही दूर हो जाए। श्रीकृष्ण ने कहा है कि जहां भी भागवत कथा होती है वहां दुनिया के सभी तीर्थ पहुंच जाते हैं। सभी साधनों में भागवत कथा श्रेष्ठ है।
कथा के दौरान भक्ति के वास्तविक अर्थ से भी परिचित करवाया गया। कथाव्यास ने समझाया कि भक्ति और विभक्ति दो शब्द हुआ करते हैं। आज इंसान प्रभु से विभक्त होने के कारण ही दुखी है। भक्ति का अर्थ ही है- परमात्मा से जुड़ जाना और यही सच्चा धर्म भी है। हर समस्या से निकलने की क्षमता और रास्ता दोनों ही ईश्वर ने हमें दिए हैं। बस, जरा सा सिर उठाकर उपर देखने भर की देर है। बस इरादे बुलंद कर अपनी आत्मिक शक्तियों को जानने भर की देर है।
आशुतोष महाराज कहते हैं कि एक जागा हुआ व्यक्ति स्वयं अपने लिए उचित दिशा और सही मार्ग का चयन कर लेता है। इसीलिए सबसे महत्वपूर्ण है आत्मा का जागरण। सांस्कृतिक पुरुष आशुतोष महाराज ने विश्व में बंधुत्व और शांति की स्थापना के लिए ही दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का निर्माण किया है। आपके द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान के प्रकाश, प्रेम और वात्सल्य की सरिता ने असंख्य मुरझाए हृदयों को नवजीवन दिया है। आपकी युगांतरकारी और संस्कृति प्रेम से ओतप्रोत शिक्षाओं ने मानवता को विभाजित करने वाली सीमाओं को नष्ट कर डाला है।
साध्वी ने भावी पीढ़ी के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा युवा किसी भी राष्ट्र की शक्ति हुआ करती है। आज आप एक बज्जार्ड पक्षी को 6 से 8 फीट चौड़े डिब्बे में रख दीजिए जो ऊपर से खुला हो, वह पक्षी कभी नहीं उड़ेगा। क्योकिं बज्जार्ड हमेशा 10-12 कदम दौड़ लेने पर ही उड़ान भर पाता है। डिब्बे में दौड़ने के लिए पर्याप्त स्थान न देखकर वह उड़ने तक की कोशिश ही नहीं करता। बावजूद इसके कि उसके पास उड़ने के लिए पंख और रास्ता दोनों मौजूद हैं। युवा पीढ़ी शराब, नशा जैसी बीमारियों से घिरी है। अपनी मानसिक धरणाओं और नकारात्मक सोच के दायरों में कैद है। इसे ब्रह्मज्ञान से दूर किया जा सकता है। कथा की शुरूआत मुख्य यजमान सहित अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ की। अंत में साध्वी ने संस्थान के बोध प्रकल्प के तहत युवाओं का आवाहन करते हुए कहा यह श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ युग-परिवर्तन का महायज्ञ है। इसी यज्ञ की ज्वाला से ही नए युग का अभ्युदय होगा। यदि इसमें आप अपनी आहुति न दे पाए तो समझ लीजिएगा कि यौवन व्यर्थ गया। इस दौरान राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, हरिशचंद्र यादव, सुधा मोदी, विवेेक सिंह, डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव, मिथिलेश शर्मा, जगरनाथ बैठा, प्रभा पांडेय, विजय कुमार सिंघानिया, राजाराम चौरसिया, मनोज अग्रवाल, इंदु सिंह, जगदंबा मल्ल, पवन कुमार त्रिपाठी, पूनम सिंह, निरूपमा सिंह, गंगा मिश्रा, सुशील कुमार केडिया आदि मौजूद रहे।
मां सरस्वती ने आज जिनके कंठ में अपने दिव्य स्वर दिए। उनमें साध्वी विनयप्रदा भारती, साध्वी शालिनी भारती, साध्वी सर्वज्ञा भारती, साध्वी श्यामला भारती, स्वामी प्रमीतानंद, स्वामी हितेंद्रानंद और गुरुभाई अभिनव, साध्वी शैलजा भारती, साध्वी महाश्वेता भारती, साध्वी अर्चना भारती, साध्वी मणिमाला भारती, स्वामी मुदितानंद, स्वामी करुणेशानंद ने सराहनीय भूमिका निभाई।
शोभा यात्रा से शुभारंभ
भागवत कथा की शुरूआत रविवार को भव्य शोभायात्रा के साथ हुई। नगर निगम स्थित लक्ष्मीबाई पार्क पर मुख्य यजमान व्यापारी कल्याण बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन, तुलस्यान फार्मा के राजेश कुमार तुलस्यान, रामनक्षत्र सिंह ट्रेडर्स के महेंद्र सिंह, स्वामी नरेंद्रानंद, स्वामी सुमेधानंद, स्वामी अर्जुनानंद की मौजूदगी में विधिवत पूजन हुआ। उसके बाद सिर पर कलश लिए सैकड़ों की संख्या में महिलाओं के समूह को मेयर सीताराम जायसवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । ये समूह टाउनहाल होते हुए कथा स्थल के निकला। इस दौरान बैंड बाजे की धुन पर.... रामजी की निकली सवारी, जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम, जय जय श्रीकृष्ण, जय जय श्रीराम के नारे लगाते हुए श्रद्धालुओं का जत्था शास्त्रीचौक, आंबेडकर चौक, छात्रसंघ चौराहा, पैडलेगंज होते हुए चंपा देवी पार्क में पहुंचा। तत्पश्चात कलश स्थापना हुई। विधिवत पूजन के बाद कथा का शुभांरभ हुआ।