किसान इंटरमीडिएट कॉलेज आभूराम में हुआ राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर का भव्य उद्घाटन।
युवाओं को अपना आदर्श बनाना चाहिए और राष्ट्र की सेवा में स्वयं को समर्पित करना चाहिए: प्रबंधक
गोरखपुर।आज किसान इंटरमीडिएट कॉलेज आभूराम तुर्कवलिया के सभागार में राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय विशेष शिविर का भव्य उद्घाटन हुआ। उद्घाटन के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आर एस मि एचबीश्रा, प्राचार्य पंडित ठाकुर प्रसाद त्रिपाठी पी जी कॉलेज ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम हमें नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हैं ।और राष्ट्र के विकास में योगदान करना सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें विवेकानंद जैसे युवाओं को अपना आदर्श बनाना चाहिए और राष्ट्र की सेवा में स्वयं को समर्पित करना चाहिए । उक्त अवसर पर बोलते हुए विद्यालय के प्रबंधक इंजी ए एन त्रिपाठी ने कहा कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता और राष्ट्र की सेवा सर्वोपरि है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम हमें राष्ट्रप्रेम और समाज के प्रति संवेदना से भरते हैं हमें इन कार्यक्रमों से सीख कर स्वयं को स्वावलंबी बनना चाहिए ।कार्यक्रम के विशष्ट अतिथि प्रधान प्रतिनिधि श्री सत्यपाल यादव ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम हमें जागरूक करते है । इनके माध्यम से समाज में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है।कार्यक्रम अधिकारी श्री डी एन यादव ने कार्यक्रम की जानकारी व योजना को विस्तार से समझाते हुए कहा कि सभी धर्मों के मूल में सेवा है। हम सब को समाज तथा राष्ट्र की सेवा में समर्पित होना चाहिए।विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री डी एन त्रिपाठी ने सभी अतिथियों का आभार ज्ञापन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम हमें बेहतर नागरिक व इंसान बनाते है।
कार्यक्रम में स्वयं सेवक सेविकाओं द्वारा सांस्कृतिक व देशभक्ति के विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम का सफल संचालन सहायक कार्यक्रम अधिकारी डॉ शोभित श्रीवास्तव ने किया।
उक्त अवसर पर संस्कृत विद्यालय विष्णु मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य श्री डी पी त्रिपाठी, सेवा निवृत्त शिक्षक श्री राम बहाल सिंह, श्री आर के शुक्ला, विद्यालय के शिक्षक श्री एच आर पाठक, श्री पन्ने लाल गुप्ता, जितेंद्र यादव, अभिषेक त्रिपाठी, देवेश पाठक, विकास पांडे, झकरी प्रसाद, विश्वामोहन उपाध्याय, विकास दीक्षित, अमरनाथ त्रिपाठी, ओंकार नाथ त्रिपाठी, अवनेश्वर नाथ त्रिपाठी, गंगा प्रसाद, आदि लोग उपस्थित रहे।