ग्लूकोमा के कारण होने वाली नेत्र अंधता रोकी जा सकती है

जागरूकता के जरिए ग्लूकोमा के कारण होने वाली नेत्र अंधता रोकी जा सकती है - डॉ. महिपाल

नई दिल्ली। ग्लूकोमा दुनिया भर में अपरिवर्तनीय अंधेपन का प्रमुख कारण है और भारत इस बीमारी की व्यापकता के मामले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। लोगों के बीच जागरूकता नेत्र अंधता के इस प्रमुख कारण को रोकने का एक प्रमुख तरीका है। एआईओएस ने विश्व ग्लूकोमा सप्ताह 2020 के इस महत्वपूर्ण मौके पर अपने ‘‘मरीज पोर्टल’’ सेवा तथा अपनी वेबसाइट पर क्यूआर कोड को शुभारंभ किया।
एआईओएस के अध्यक्ष डा. महिपाल सचदेव का कहना है कि मेरा लक्ष्य है ग्लूकोमा से होने वाले अंधेपन को खत्म करना और यह केवल जागरूकता, स्क्रीनिंग और जोखिम कारकों के बारे में लोगों को शिक्षित करके तथा सही समय पर सही चिकित्सा उपलब्ध कराकर ही संभव हो सकता हे। चूंकि ग्लूकोमा एक खामोश  बीमारी है इसलिए यह बिना कोई लक्षण प्रकट हुए बढ़ती रहती है और इसलिए ग्लूकोमा के रोगियों को ढूंढना कठिन होता है। इस दिशा में प्रयास और प्रतिबद्धता जरूरी है और हमें इसके लिए ग्लूकोमा के लिए सभी मरीजों की जांच, जोखिम कारकों की पहचान, ग्लूगोमा के मरीजों के निकट संबंधियों की पहचान, क्योंकि उनके ग्लूकोमा होने का खतरा दस गुणा ज्यादा होता है, उनकी सही तरीके से जांच तथा उनका समुचित इलाज तथा उन्हें इस बारे में प्रोत्साहित करना कि वे न केवल सुधार पर ध्यान रखें बल्कि दुष्प्रभावों पर भी ध्यान रखें।’’
अकेले भारत में, 1.2 करोड़ से अधिक लोग ग्लूकोमा से प्रभावित हैं, जिनमें से 12 लाख से अधिक लोगों ने अपनी दृष्टि खो दी है, जबकि 90 प्रतिशत लोगों की जांच अभी तक नहीं हुई है। दिल की बीमारियों और कैंसर के बाद अंधापन ही ऐसी तीसरी बीमारी है जिससे लोग सबसे अधिक घबराते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ग्लूकोमा अपरिवर्तनीय अंधेपन का प्रमुख कारण है। एआईओएस की सचिव डा. नम्रता शर्मा ने कहा, ‘‘जब रौशनी 70 से 80 प्रतिशत चली जाती है तब तक ग्लूकोमा के लक्ष्ण प्रकट नहीं होते हैं इसलिए ग्लूकोमा के कारण होने वाली स्थाई अंधता एवं उसकी रोकथाम की दिशा में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि हर व्यक्ति को 40 साल की उम्र के बाद हर साल नेत्र परीक्षा करानी चाहिए। हर मरीज को इस बीमारी की गंभीरता के बारे में समझाना जरूरी है। उसे बताया जाना चाहिए कि ग्लूकोमा का इलाज नहीं हो सकता है और इसके कारण अंधापन हो सकता है। बेहतर स्वास्थ्य नीतियों के निर्माण में एक ग्लूकोमा रजिस्ट्री डेटा विकसित करना भी बहुत फायदेमंद होगा।