प्रमादी नामक नूतन सम्वत्सर 2077 व वासन्तिक नवरात्र माहात्म्य...25 मार्च बुधवार ।।
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय बताते है की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नूतन वर्ष का आरम्भ होता है इस वर्ष के राजा बुध व मन्त्री चन्द्रमा है । प्रमादी सम्वत्सर व वासन्तिक नवरात्र का आरम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को कर्क लग्न,उत्तरा भाद्रपद/नक्षत्र में हो रहा है नक्षत्राधिपति शनि अपनी राशि मकर में विराज रहा है फलस्वरूप व्यापारी वर्ग को लाभ होगा ! देवताओ व धार्मिक कार्यों के प्रति लोगो का झुकाव होगा ! रवी की फसल को भारी नुकसान होगा !
बुधवार को नूतन सम्वत्सर व चैत्र शुक्ल वासन्तिक नवरात्र के दिन रेवती नक्षत्र व ब्रह्म योग मिल रहा है !
कलश स्थापना मुहूर्त सूर्योदय के पश्चात 05:57 से लेकर दिवा 03:50 तक करें !
विशेष अभिजीत मुहूर्त दिवा 11:35 से 12:23 तक !
यह नवरात्र एक महामारी कला में आरम्भ हो रहा है अतः सम्पूर्ण मानव जाति को चाहिए की माँ भगवती का ध्यान कर "जयन्ती मङ्गला काली भद्र काली कपालिनी,दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते" मन्त्र का मानसिक जप करते रहें है व दुर्गा सप्तशती का निष्ठा पूर्वक नित्य पाठ करें ! जिससे सम्पूर्ण जनमानस का कल्याण होगा !
कलश स्थापना के पश्चात माँ भगवती का पूजन षोडशोपचार वा पञ्चोपचार कर दुर्गासप्तशती का पाठ, नवार्ण मन्त्र का जप करें
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय बताते है इस वर्ष नवरात्र 9 दिवस का है व प्रमादी सम्वत्सर व वासन्तिक नवरात्र के योगानुसार विभिन्न राशियों का फल- मेष-आर्थिक हानि ।
वृष- धन लाभ ।
मिथुन- कुटुम्ब में मांगलिक कार्य व सुख की वृद्धि ।
कर्क- मानसिक कष्ट हो सकते है ।
सिंह- रोग भय शिव व शक्ति की आराधना करें !
कन्या-शत्रुओं पर विजय व यश कीर्ति की वृद्धि ।
तुला-स्त्री सुख व व्यापार में वृद्धि
वृश्चिक - रोग भय व मानसिक कष्ट के योग ।
धनु- धर्म कार्य में रुचि व आकस्मिक धन लाभ । मकर-सन्तान प्राप्ति व व्यापार वृद्धि के योग ।
कुम्भ- धन लाभ यात्रा के योग व व्यापार की वृद्धि ।
मीन-व्यय की अधिकता शारिरिक कष्ट हो सकते है ।
पं.राकेश पाण्डेय
ज्योतिषाचार्य