रचनाओँ को मिल मिल रहा है अपने नये तरीके से निखारने का मौका
लॉकडाउन में भरपूर रियाज़ करने व भोजपुरी के नये पुराने गीतकारों के रचनाओँ को मिल मिल रहा है अपने नये तरीके से निखारने का मौका

 

 गोरखपुर। ज़िले के कूड़ाघाट निवासी लोकगायक सूरज मिश्रा व्यास इन दिनों भोजपुरी के प्रख्यात गीतकार तारकेश्वर मिश्र राही जी की पूर्वी रचना "गवना करा के सइयाँ चल गईल गोहाटी देहिया माटी कइल" की तैयारी कर रहा हूँ। जिसको मैं जल्द लॉकडाउन समाप्त होते ही वाराणसी से रिकार्ड व शूटिंग करूँगा। साथ मे मैं भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर, महेंद्र मिश्र, केशव मोहन पाण्डेय,जय शंकर प्रसाद द्विवेदी,परशुराम पाण्डेय बबलू समेत पुराने और नये गीतकारों की पारंपरिक व साफसुथरे भोजपुरी रचनाओं को गुनगुना और लगातार अभ्यास कर रहा हूँ। मैं अपने कलाकार मित्रों और सुभचिंतको को राय दूँगा के वे घर बैठकर गीतों का रियाज़ करें। जिससे कि वह अपनी प्रतिभा समाज मे बिखेर सके। उक्त बात बताते हुए हमारे संवादाता से बताया की कोरोना संक्रमण आज वैश्विक स्तर पर एक भयानक महामारी के रूप में संपूर्ण विश्व को झकझोर कर रख दिया है जिस का एकमात्र बचाव यह है कि हम सब अपने घरों में सुरक्षित रहें और माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा किए गए लाकडाउन का सख्ती से पालन करें।