रमजान के अंतिम शुक्रवार की नमाज पर लाकडाउन का करें पालन: ई.मो. मिन्नतुल्ला



गोरखपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता व गोरखपुर शहर के सक्रिय समाजसेवी व शायर ई.मो. मिन्नतुल्लाह (मिन्नत गोरखपुरी) ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते लॉकडाउन की हिदायतओं पर अमल करते हुए ईदगाह या जामा मस्जिद वगैरह में नमाज पढ़ने पर पाबंदी होने की सूरत में ईद उल फितर यानी ईद की नमाज घर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर नमाज पढ़े, सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करें और शासन को सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी भी किस्म की भीड़ को किसी जगह पर एकत्रित करने की कोई जरूरत नहीं है।


मिन्नत गोरखपुरी ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए की वह अपने-अपने घरों में 2 या 4 रकात (मुस्तहब) नफील नमाज़ शुकराना अकेले-अकेले पढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि लॉकडाउन बढ़ चुका है इसलिए घरों में ही अलविदा और जुमे की नमाज की जगह जोहर की नमाज अदा करें। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ईद मनाने के लिए नए कपड़ों की जरूरत नहीं है। जो कपड़ा आपके पास बेहतर हो वह पहन कर ईद मनायें। मिन्नत गोरखपुरी ने कहा कि ईद की खुशी अपने-अपने घरों में मनायें, ना की किसी के घर जाएं और ना ही किसी को अपने घर बुलायें। ईद की खुशी में लोगों से गले मिलने और मुसाफा करने से भी परहेज (बचें) करें। मिन्नत गोरखपुरी ने कहा कि मोबाइल के जरिए ही दोस्तों ,रिश्तेदारों, मिलने वालों को ईद की मुबारकबाद दें। उन लोगों से गुजारिश करते हुए कहे कि ईद की नमाज से पहले अपने जान-माल का खैरात और जकात निकालकर ही ईद की नमाज अदा करें। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने जिन्हें (साहिबे निसाब) मालदार बनाया है वह लोग गरीबों, मजदूरों, असहाय के साथ ही मदरसों के बच्चों के लिए भी जकात और खैरात के पैसों को निकाल कर मदरसों में पहुंचा कर उनका ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें।