बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच कोविड-19 टीम से जुड़े योद्धाओं को अब परिवार के लिए समय निकालना हो रहा मुश्किल
गोरखपुर । पूरी दुनिया आज कोविड-19 से जूझ रही है। देश दुनिया में लगातार संक्रमितों की संख्या में इज़ाफ़ा होता जा रहा है। गोरखपुर में भी महामारी धीरे धीरे चिंताजनक रूप से पैर पसार रही है। लेकिन जिस प्रकार से श्रमिकों के आगमन से लेकर स्पेशल ट्रेनों के ज़रिए यात्रियों का हुजूम गोरखपुर आया और फिर यहीं से उन्हें पूर्वांचल के अलग अलग नगरों कस्बों और गावँ में उनके गन्तव्य तक पहुंचाया गया उस तुलना में बहुत हद तक बीमारी का प्रसार और संक्रमित मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा नही हो पाया। जिसका श्रेय कहीं न कहीं कोविड-19 टीम को दिया जा सकता है।
कोविड-19 टीम का गठन और जिम्मेदारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर डॉ सुनील गुप्ता द्वारा बनाई गई कोविड-19 टीम कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है । टीम के प्रभारी का दायित्व सिंघम फेम सीओ क्राइम प्रवीण सिंह बखूबी निभा रहे हैं जबकि टीम के प्रवेक्षण की ज़िम्मेदारी तेजतर्रार आईपीएस और पेशे से डॉक्टर रहे डॉ0 कौस्तुभ के कंधों पर है।
जिले की कोविड-19 टीम प्रतिदिन 12 प्रकार की रिपोर्ट अलग अलग समय पर जिले के पुलिस कप्तान के साथ कोविड-19 टीम का प्रवेक्षण कर रहे पुलिस अधीक्षक (नगर), जिलाधिकारी गोरखपुर और सीएमओ गोरखपुर के अलावा लखनऊ प्रेषित करती है।टीम गोरखपुर जिले में प्रवेश करने वाली प्रत्येक एंबुलेंस का हिसाब किताब रखने के साथ ही जिले के बाहर से आए तमाम लोगों पर निगाह रखती है।
टीम के प्रभारी सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया कि जिले में जब कोई भी संक्रमित मरीज़ पाया जाता है और वह बीआरडी मेडिकल कॉलेज, 100 बेड टीवी हॉस्पिटल या जिला चिकित्सालय पर आता है तो कोविड-19 टीम प्रत्येक मरीज की कुंडली बनाकर तैयार कर लेती है।
कोविड-19 टीम कैसे करती है अपना काम
कोविड-19 के प्रभारी ने बताया कि अब तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज, 100बेड टीवी हॉस्पिटल समेत जिला अस्पताल में आए सभी लोगों का पूरा सिजरा मिल जाएगा।
संक्रमित मरीज किन-किन लोगों से मिला उस मूवमेंट के आधार पर सर्विलांस के जरिए पूरा ब्यौरा तैयार किया जाता है।
कोरोना लक्षण की महामारी से निपटने के अलावा सिंघम पर जिले में मौजूद अपराधियों और उनके द्वारा किए गए अपराध पर नजर रखने की भी जिम्मेदारी है जिसके लिए क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल के 24 लोगों की एक पूरी टीम लगी हुई है।
जैसे-जैसे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पुलिस पर जिम्मेदारी भी बढ़ती जा रही है एक ओर कांट्रैक्टे ट्रेसिंग की जिम्मेदारी और हॉटस्पॉट व कंट्रोलमेंट जोन में डिसिप्लिन बनाए रखने की जिम्मेदारी तो दूसरी ओर अपराध और अपराधियों पर भी नकेल कसने की जिम्मेदारी गोरखपुर पुलिस निभा रही है।
टीम ने देश भर में किया है 6 हज़ार से ज़्यादा पत्राचार
कोविड-19 के प्रभारी ने बताया कि देश भर में करोड़ों संक्रमण के संबंध में छह हजार से ज्यादा पत्राचार किया जा चुका है गोरखपुर पुलिस अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों का सत्यापन कर चुकी है ग्रामवार मोहल्लावार निगरानी समिति का गठन कर सूचनाओं का संकलन किया जा रहा है कोविड-19 टीम द्वारा प्रतिदिन 12 प्रकार की अलग-अलग सूचनाएं विभिन्न स्तरों पर दी जा रही हैं तीन व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संक्रमण की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
सिंघम के नौरत्नों के कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी
प्रदेश भर में कोविड-19 पर कांटेक्ट ट्रेसिंग और सूचनाओं के माध्यम से नियंत्रण पाने में गोरखपुर की टीम सबसे टॉप पर है सिंघम प्रवीण सिंह के नेतृत्व में 9 व्यक्तियों का एक समूह या यूं कहें कि सिंघम के नवरत्न चौबीसों घंटे सूचनाओं को इकट्ठा करने और सर्विलांस के जरिए कांट्रैक्ट ट्रेसिंग के काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
तीन उपायों से संक्रमण पर हो सकता है नियंत्रण
सीओ प्रवीण सिंह ने बताया कि तीन माध्यमों को अपनाकर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।
1- लॉकडाउन के बाद मिली छूट में संयमित रहकर प्रशासनिक मंशा के अनुरूप निर्देशों का पालन करके।
2- कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग (पुलिस और मेडिकल टीम द्वारा एक साथ काम करके)
3- हॉटस्पॉट और कंटोनमेंट जोन में डिसिप्लिन रखकर।
परिवार के लिए समय निकालना हो रहा मुश्किल
जिले में कोविड-19 टीम से जुड़े योद्धाओं को बढ़ती जिम्मेदारियों के बीच अब परिवार के लिए समय निकालना मुश्किल हो रहा है । खासकर वह कर्मी जिनके बच्चे अभी छोटे हैं उनके लिए दिक्कतें कुछ ज्यादा हैं।
क्योंकि कोविड-19 सेल लगातार 24 घंटे काम कर रहा है ऐसे में टीम के प्रभारी की जिम्मेदारी औरों से कुछ ज्यादा ही है।
परिवार को समय देने के सवाल पर सीओ प्रवीण सिंह ने बस इतना ही कहा कि जब वह देर रात घर पहुंचते हैं तो उनका बेटा सो चुका होता है और सुबह उसके उठने से पहले ही वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए घर से निकल पड़ते हैं ।